Prime Minister's Employment Generation Programme
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प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम – Prime Minister’s Employment Generation Programme (PMEGP) से रोजगार के लिए पाएँ लोन

दोस्तों यदि आप बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं और अपना खुद का स्टार्टअप या कोई बिजनेस करना चहतें हैं लेकिन आप के पास उपयुक्त पूंजी नही है तो आप Prime Minister’s Employment Generation Programme (PMEGP) प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के माध्यम से आसानी से 10 लाख रुपये तक की लोन पा सकते हैं। 

हमारे इस पोस्ट मे प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम – Prime Minister’s Employment Generation Programme (PMEGP) योजना के बारे में पूरी जानकारी दी गई है – आवेदन प्रक्रिया, इसके जरूरी दस्तावेज क्या है, पात्रता एवं लाभ क्या है, एवं अन्य जानकारी।

योजना का परिचय‍-

भारत सरकार द्वारा लागू की गई प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (Prime Minister Employment Generation Programme) एक लोन योजना है, जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों को बेरोजगारी से छुटकारा दिलाना है। इस योजना को वर्ष 2000 में घोषित किया गया, जबकि इसे औपचारिक रूप से लागू वर्ष 2008 में किया गया। सरकार की यह योजना दो योजनाओं, रूरल इम्प्लॉयमेंट जनरेशन प्रोग्राम (REGP) और प्रधानमंत्री रोजगार योजना (PMRY) से मिलकर बनी है।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MoMSME) इस योजना का प्रबंधन संभालता है, जबकि योजना को लागू करने की जिम्मेदारी खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) की है। वहीँ, राज्य स्तर पर इस योजना का संचालन भी KVIC के अंतर्गत ही आता है।

योजना का उद्देश्य-

सरकार की इस योजना का प्रमुख उद्देश्य स्व-रोजगार उद्यमों, सूक्ष्म उद्यमों और अन्य योग्य परियोजनाओं के माध्यम से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार पैदा करना है। साथ ही इसमें गांव के कारीगरों की परंपरा को वापस लाने और बेरोजगार शहरी युवाओं की रोजगार पाने में मदद करने पर भी खास जोर दिया गया है। इसके अलावा यह योजना सुनिश्चित करती है कि टिकाऊ रोजगार उपयुक्त कराया जाए।

PMEGP योजना की विशेषताएं-
  • कॉयर आधारित परियोजनाओं सहित कोई भी उद्योग (नकारात्मक सूची में उल्लिखित को छोड़कर) इस योजना का लाभ उठा सकते हैं
  • इस योजना के अंतर्गत प्रति व्यक्ति निवेश मैदानी क्षेत्रों में 1 लाख रुपये और पहाड़ी क्षेत्रों में 1.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए। पीएमईजीपी के अंतर्गत सहायता केवल नई स्थापित होने वाली इकाइयों को ही उपलब्ध है।
  • परियोजनाएं स्थापित करने के लिए कोई आय सीमा नहीं है
  • मौजूदा इकाइयाँ या ऐसी इकाइयाँ जो पहले से ही किसी सरकारी सब्सिडी (राज्य या केंद्र) का लाभ उठा रही हैं, वे अपात्र हैं
  • कॉयर आधारित परियोजनाओं सहित कोई भी उद्योग (नकारात्मक सूची में उल्लिखित को छोड़कर) इस योजना का लाभ उठा सकते हैं
PMEGP के लिए किन दस्तावेजों की है जरूरत?

पीएमईजीपी ऋण योजना के लिए आवेदन करते समय आपको कुछ दस्तावेज प्रस्तुत करने पड़ सकते हैं:

  1. जाति प्रमाण पत्र
  2. विशेष श्रेणी प्रमाण पत्र, जहां भी आवश्यक हो
  3. ग्रामीण क्षेत्र प्रमाण पत्र
  4. परियोजना रिपोर्ट
  5. शिक्षा/ईडीपी/कौशल विकास प्रशिक्षण प्रमाणपत्र
  6. कोई अन्य लागू दस्तावेज़
कौन उठा सकते हैं इस योजना का लाभ?

PMEGP के कुछ योग्यता नियम निर्धारित किये गए हैं। इस योजना का लाभ केवल वही लोग उठा सकते हैं जो नियम किसभी शर्तें पूरी करते हों। यह योजना केवल उन नई परियोजनाओं के लिए सहायक होती है, जिन्हें अधिकारियों द्वारा अनुमोदित (Sanctioned) किया गया हो। योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए। 10 लाख रुपए तक की लागत वाली मेनुफेक्चरिंग सेक्टर के लिए और 5 लाख रुपए तक के व्यवसाय या सेवा क्षेत्र की परियोजनाओं को शुरू करने लिए आवेदक के लिए जरूरी है कि उसने न्यूनतम आंठवी कक्षा तक पढ़ाई की हुई हो।

इस योजना के तहत स्वयं सहायता समूह (Self Help Groups) भी सहयता प्राप्त कर सकते हैं। यह योजना खास कर बीपीएल (BPL) परिवारों के लिए लागू की गयी है लेकिन इसका लाभ उठाने के लिए जरूरी है कि वे ऐसी किसी अन्य योजना का लाभ न उठा रहे हों। कोई भी संस्था, जो सोसायटी पंजीकरण अधिनियम (Societies Registration Act) 1860 के तहत रजिस्टर्ड हो, भी इस योजना का लाभ उठा सकती है। साथ ही यह योजना चेरिटेबल ट्रस्ट और उत्पादन-आधारित सहकारी समितियों को भी लाभ पहुंचाती है। लेकिन इसके लिए जरुरी है कि ये संस्थाएं REGP, PMRY, या भारत सरकार या राज्य सरकार के किसी भी समान का लाभ न उठा रही हों।

कौन नहीं उठा पाएंगे इस योजना का लाभ?

कोई भी उद्योग या व्यवसाय जो मांस, बीड़ी, पैन, सिगार, सिगरेट, शराब, तम्बाकू या ताड़ी से संबंधित है। पश्मीना ऊन या इसी तरह के उत्पादों के व्यवसाय वाले उद्योग, जिन्हें हाथ की बुनाई और हाथ की कताई की आवश्यकता होती है – जो कि खादी कार्यक्रम से पहले से ही लाभान्वित हो रहे हैं और बिक्री छूट का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। कोई भी उद्योग या व्यवसाय जो कि चाय, कॉफी, रबर, सेरीकल्चर, बागवानी, फूलों की खेती और पशुपालन से संबंधित है। रिक्शा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में ऑटो रिक्शा, और जम्मू-कश्मीर में हाउस बोट, टूरिस्ट बोट और शिकारे को छोड़कर सारे ग्रामीण परिवहन, इसका लाभ नहीं उठा सकते। कोई भी उद्योग जो उन वस्तुओं से संबंधित है जो पर्यावरणीय को नुकसान पहुंचाती हैं जैसे पॉलीथीन कैरी बैग।

कैसे प्रदान की जाती है सहायता?

योजना का लाभ उठाने के लिए सामान्य वर्ग के लोगों के लिए जरूरी है कि वे परियोजना लागत का कम से कम 10% योगदान करने में सक्षम हों। इस मामले में केंद्र सरकार, शहरी क्षेत्रों में परियोजनाओं के लिए धन का 15% और ग्रामीण क्षेत्रों में निष्पादित होने के मामले में 25% प्रदान करती है। विशेष रूप के अंतर्गत आने वाले आवेदकों को लागत का कम से कम 5% योगदान करने की आवश्यकता होती है। ऐसे मामलों के लिए, केंद्र सरकार 25% फंडिंग (शहरी परियोजनाएं) और 35% फंडिंग (रुरल-प्रोजेक्ट्स) प्रदान करती है।

लाभार्थी के अंतर्गत जो लोग आते हैं वो हैं-

अनुसूचित जाति (SC) पूर्व सैनिक अनुसूचित जनजाति (ST) अलग-अलग-पिछड़े पिछड़े वर्ग (OBC) पूर्वोत्तर राज्यों के लोग माइनॉरिटीज (Minorities) बॉर्डर एरिया और हिल्स के पास रहने वाले लोग महिलाएं

PMFBY योजना के अंतर्गत आवेदन करने की प्रक्रिया-
  • सबसे पहले आपको सांसद आदर्श ग्राम योजना की आधिकारिक वेबसाइट (ई-पोर्टल) पर जाना होगा।
  • अब आपके सामने Home Page खुल कर आएगा।
  • ‘व्यक्तिगत के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र’/ ‘गैर-व्यक्तिगत के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र’ पर क्लिक करें।
  • नाम, प्रायोजक एजेंसी, गतिविधि का प्रकार, प्रथम वित्तपोषण बैंक आदि जैसे विवरण दर्ज करके संपूर्ण फॉर्म भरें।
  • जब यह हो जाए तो ‘आवेदक डेटा सुरक्षित करें’ पर क्लिक करें।
  • फिर, दस्तावेज़ अपलोड करें और अंतिम सबमिशन की तैयारी करें।
  • अंतिम सबमिशन के बाद, आपको अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक आवेदन आईडी और पासवर्ड भेजा जाएगा।

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