पीएम विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma scheme) को कैबिनेट की मंजूरी, शिल्पकारों को 5% ब्याज पर रियायती ऋण मिलेगा
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 13,000 करोड़ रुपये की विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma scheme) को मंजूरी दी है, जो पारंपरिक कौशल (traditional skills) में लगे लोगों को मदद देने की एक महत्वाकांक्षी योजना है।
मोदी सरकार ने पारंपरिक कौशल (traditional skills) वाले लोगों का समर्थन करने के लिए ‘पीएम विश्वकर्मा‘ योजना की मंजूरी दे दी। इस योजना के तहत उदार शर्तों पर (on generous terms) 1 लाख रुपये तक का लोन उपलब्ध कराया जाएगा। यह फैसला केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिया गया। सरकार ने इस योजना के लिए 13,000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं जिससे बुनकरों, सुनारों, लोहारों, कुम्हार, कपड़े धोने वाले श्रमिकों और नाई सहित लगभग 30 लाख पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को लाभ मिलेगा।
पीएम विश्वकर्मा योजना से किसे होगा फायदा (Who will benefit)?
रेल एवं संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के बाद कहा कि योजना के तहत, शिल्पकारों एवं कारीगरों को पहले चरण में 1 लाख रुपये और दूसरे चरण में 2 लाख रुपये का रियायती ऋण प्रदान किया जाएगा।
ऋण 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर (Interest rate) पर प्रदान किया जाएगा।
13,000 करोड़ रुपये की योजना बढ़ई, सुनार, राजमिस्त्री, कपड़े धोने वाले श्रमिकों और नाई को सहायता प्रदान करेगी, जो ज्यादातर अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) समुदाय से हैं।
प्रारंभ में, 18 पारंपरिक व्यापारों को कवर किया जाएगा। इनमें
शामिल हैं –
बढ़ई (सुथार) Carpenter (Suthar);
नाव बनाने वाला Boat Maker;
शस्त्रागार Armourer;
लोहार Blacksmith (Lohar);
हथौड़ा और टूल किट निर्माता Hammer and Tool Kit Maker;
ताला बनाने वाला Locksmith;
सुनार Goldsmith (Sonar);
कुम्हार Potter (Kumhaar);
मूर्तिकार Sculptor (Moortikar, stone carver);
पत्थर तोड़ने वाला Stone breaker;
मोची Cobbler (Charmkar)/Shoesmith/Footwear artisan;
राजमिस्त्री Mason (Rajmistri);
टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/कॉयर बुनकर Basket/Mat/Broom Maker/Coir Weaver;
गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक) Doll and Toy Maker (Traditional);
नाई Barber (Naai);
माला बनाने वाला Garland maker (Malakaar);
धोबी Washerman (Dhobi);
दर्जी Tailor (Darzi);
और मछली पकड़ने का जाल बनाने वाला Fishing Net Maker.