राष्ट्रीय पोषण मिशन-POSHAN Abhiyaan National Nutrition Mission (NPM) जानें सारी जानकारी
दोस्तों हमारे इस पोस्ट में राष्ट्रीय पोषण मिशन – POSHAN Abhiyaan National Nutrition Mission (NPM) के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है। यहां पर आपको बताया जाएगा राष्ट्रीय पोषण मिशन-POSHAN Abhiyaan National Nutrition Mission (NPM) का परिचय, योजना का उद्देश्य, पोषण अभियान का महत्व, विशेषताएं, राष्ट्रिय पोषण मिशन की कार्यप्रणाली और लक्ष्य क्या है? पूरी जानकारी समझने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ें।
योजना का परिचय-
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 8 मार्च 2018 को मिहला दिवस के अवसर पर राजस्थान के झुंझुनू में सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय पोषण मिशन की शुरुआत किया गया। इस योजना के तहत ठिगनेपन, जन्म के समय नवजात शिशु के वजन में कमी, रक्त की कमी, भोजन में पोषक तत्वों का असंतुलन आदि के निवारण हेतु नियम बनाये जायेंगे। योजना के द्वारा व्यापक स्तर पर कुपोषण मुक्त भारत अभियान चलाया जायेगा।
योजना का उद्देश्य-
राष्ट्रिय पोषण मिशन के तहत 0-6 वर्ष के आयु के बच्चों में ठिगनेपन को राष्ट्रिय स्तर पर 34.6% से घटाकर 25% करना है इसे मिशन 25का नाम दिया गया है। कुपोषण की समस्याओं से निदान पाने के लिए देश में पहले से संचालित स्वास्थ एवं परिवार कल्याण से सम्बंधित योजनाओं के सर्वेक्षण के विश्लेषण के आधार पर राष्ट्रिय स्वास्थ मिशन में कार्यो एवं उपायों को शामिल करना है। राष्ट्रिय स्वास्थ मिशन के सुनियोजित रूप से लक्ष्य को हासिल करने हेतु निगरानी के लिए निति आयोग की अध्यक्षता में एक तकनिकी यूनिट का गठन किया जायेगा। ऐसी आंगनबाड़ी, आशा एवं एनएनएम की टीम को पुरस्कृत किया जायेगा, जिन्होंने राष्ट्रिय पोषण मिशन के तहत रक्त की कमी एवं पोषण की कमी में सुधार करने में विशेष योगदान दिया है। आंगनबाड़ी के प्रत्येक कर्मियों को डाटा के सही सूचि का निर्माण तथा मिशन के तहत जानकारी एकत्र करने हेतु गृहों का दौरा करना आदि कार्यों को सुचारू रूप से करने हेतु प्रोत्साहन राशि के रूप में रूपए 500 प्रदान किया जायेगा।
पोषण अभियान का महत्व-
- यह पोषण के लिए शीर्ष राष्ट्रीय समन्वय और अभिसरण निकाय के रूप में कार्य करता है।
- इस योजना से भारत में 10 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ होगा।
- यह जमीनी स्तर तक 0 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और किशोरियों के पोषण और स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार करता है।
- अपने लक्ष्यों के माध्यम से, कार्यक्रम एनीमिया, जन्म के समय कम वजन, स्टंटिंग और कुपोषण के प्रसार को कम करने के लिए काम करेगा।
पोषण अभियान की विशेषताएं-
- पोषण अभियान एक छत्र योजना है, जो मंत्रालयों में पोषण संबंधी हस्तक्षेपों की निगरानी, पर्यवेक्षण, लक्ष्य निर्धारित करेगी और मार्गदर्शन करेगी।
- पोषण अभियान भारत में कुपोषण को दूर करने में योगदान देने वाली विभिन्न योजनाओं की निगरानी करता है।
- पोषण अभियान मातृ पोषण, शिशु और छोटे बच्चों के आहार संबंधी मानदंडों और उपचार प्रोटोकॉल पर केंद्रित होगा।
- जन आंदोलन और बहु-क्षेत्रीय हस्तक्षेप पोषण अभियान के दो मुख्य घटक हैं।
- यह सामुदायिक स्तर पर आईटी-आधारित उपकरणों का उपयोग करने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (AWWs) को प्रोत्साहित करता है।
- पोशन ट्रैकर ऐप विशेष रूप से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए लाभार्थी डेटा को प्रपत्रों में दर्ज करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को उनके लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
- यह विभिन्न सामाजिक गतिविधियों और ऑडिट के माध्यम से जन पोषण जागरूकता बढ़ाने के लिए पोषण संसाधन केंद्र (एनआरसी) की स्थापना कर रहा है।
राष्ट्रिय पोषण मिशन की कार्यप्रणाली-
आईसीटी आधारित रियल टाइम निरिक्षण प्रणाली के माध्यम से मिशन के कार्यो को सुचारू रूप से अंजाम देने के लिए कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेर का निर्माण किया जायेगा। डाटा का सटीक संग्रह करने के लिए सभी आंगनबाड़ी महिला कर्मचारियों को स्मार्ट फ़ोन तथा महिला सुपरवाइजरों को टेबलेट दिया जायेगा। सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को वजन एवं कद को ठीक से रिकॉर्ड करने हेतु विकास निगरानी उपकरण जैसे – इन्फैंटो मीटर, स्टैडीयो मीटर आदि उपलब्ध कराये जायेंगे। वजन की कमी, विकास में रूकावट तथा ठिगनेपन का पता लगाने के लिए आंगनबाड़ी कर्मचारी महिलाये प्रत्येक महीने वजन एवं हर तीसरे महीने लम्बाई / ऊँचाई एप्लीकेशन सॉफ्टवेर के माध्यम से रिकार्ड करेंगी।
लक्ष्य-
राष्ट्रीय पोषण मिशन का लक्ष्य ठिगनापन, अल्पपोषण, रक्ताल्पता (छोटे बच्चों, महिलाओं एवं किशोरियों में) को कम करना तथा प्रति वर्ष अल्पवजनी बच्चों में क्रमश: 2 प्रतिशत, 2 प्रतिशत, 3 प्रतिशत तथा 2 प्रतिशत की कमी लाना है. ठिगनेपन को कम करने का लक्ष्य भी 2 प्रतिशत है, मिशन वर्ष 2022 तक 38.4% (एनएफएचएस-4) से कम कर के 25% तक लाने का प्रयास करेगा.
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